प्राइवेट हॉस्पिटल को लेकर आई बड़ी खबर, क्या इस खबर से प्राइवेट हॉस्पिटल के स्टॉक पर पड़ेगा असर।

Hospital & Healthcare Services: पिछले कुछ सालों से भारत में प्राइवेट इंडस्ट्री के हॉस्पिटल का बोलबाला हमें देखने मिला है।भारत में कुल 60 से 70% फीसदी आबादी अपना इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में ही करवाना पसंद करती है। क्योंकि हम सबको पता है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में हमारा ट्रीटमेंट और फैसिलिटी अच्छी दी जाएगी।

हम सब लोग प्राइवेट हॉस्पिटल को सरकारी हॉस्पिटल से ज्यादा इंपॉर्टेंटस देते हैं लेकिन पिछले कुछ सालों से प्राइवेट हॉस्पिटल में पर्टिकुलर ट्रीटमेंट का कोई फिक्स रेट नहीं है। अगर हमे बुखार आ जाए तो किसी हॉस्पिटल में एडमिट करने के कोई लगभग 1,000 रूपये लेता है ,तो दूसराहॉस्पिटल वाले 1,500 भी ले सकता है ?

Supreme Court ने प्राइवेट हॉस्पिटल को आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट हॉस्पिटल के सेक्टर को लेकर भारत सरकार को कुछ आदेश दिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च 2024 को इंडियन गवर्नमेंट ने प्राइवेट हॉस्पिटल के मन माने चार्जेस को लेकर कुछ आदेश दिए गए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अलग-अलग प्राइवेट हॉस्पिटल में अलग-अलग चार्जेस लिए जाते हैं । सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अलग-अलग प्राइवेट हॉस्पिटल में अलग-अलग चार्जेस लिए जाते हैं।

कुछ हॉस्पिटल में तो एक ट्रीटमेंट के कहीं ₹5000 ले जाते हैं तो कहीं इस ट्रीटमेंट के 15000 भी ले जाते हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल के चार्ज फिक्स होने चाहिए। अगर इंडियन गवर्नमेंट इस प्रोब्लम को एक महीने के अंदर सुलझ नही कर पाती तो, Central Government Health Scheme द्वारा रेट इंप्लीमेंट कर दिए जाएंगे प्राइवेट हॉस्पिटल में भी वो लागु होंगे।

ये खबर प्राइवेट Hospital के लिए काफी नेगेटिव खबर मानी जा रही है। क्युकी उनका जो रेवेन्यू मोडल है, वो कम हो जाएगा ,अगर रेवेन्यू काम हुवा तो प्राइवेट हॉस्पिटल के रिजल्ट अच्छे नहीं पेश कर पाएंगे। इसका का असर हमें प्राइवेट हॉस्पिटल के स्टॉक पर भी दिख सकता है।

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